उज्जैन. हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ का महीना दान-पुण्य के लिए बेहद शुभ माना जाता है. इस आषाढ़ महीने में लक्ष्मी-नारायण के साथ गुरु देव की पूजन का भी विशेष महत्व है. इस दिन गंगा, और बाकि पवित्र नदियों में स्नान का विशेष महत्व है. आषाढ़ पूर्णिमा के दिन भाग्य और आर्थिक पक्ष को मजबूत करने का शुभ अवसर है. इस साल 10 जुलाई को आषाढ़ पूर्णिमा आ रही है. इसमें बहुत से ऐसे कार्य हैं, जिनको करना निषेध है. उज्जैन के आचार्य आनंद भारद्वाज बता रहे हैं कि आषाढ़ पूर्णिमा पर क्या नहीं करना चाहिए.

 

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन गुरु पूजन का विशेष महत्व होता है. गुरु पूर्णिमा को महाभारत की रचना करने वाले महर्षि वेदव्यास की जयंती के रूप में मनाया जाता है, इसलिए इस दिन को व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं. ऐसी मान्यता है कि इस दिन वेद व्यास ने चारों वेदों की रचना की थी. इस दिन गुरु अपने शिष्यों को दीक्षा भी देते हैं. इस दिन सभी लोग अपने गुरुओं की पूजा करते हैं.

कब मनाई जाएगी आषाढ़ या गुरु पूर्णिमा?
वैदिक पंचांग के अनुसार ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि आषाढ़ पूर्णिमा की शुरुआत 10 जुलाई रात 02 बजकर 43 मिनट पर हो रही है. समाप्ति अगले दिन यानी 11 जुलाई रात 01 बजकर 53 मिनट पर हो रही है. उदया तिथि के अनुसार 10 जुलाई को ही गुरु पूर्णिमा मनाई जाएगी.

 

भूल से भी ना करें यह काम
– इस दिन बाल और नाखून नहीं कटवाने चाहिए. बालों और नाखूनों को काटने के बाद शरीर को मृत हिस्सों के रूप में देखा जाता है, इसलिए पूर्णिमा तिथि के दिन इन भागों को काटने से माता लक्ष्मी रुष्ट हो जाती हैं.

– आषाढ़ पूर्णिमा के दिन काले वस्त्र पहनना निषेध माना गया है. ऐसा करने से जीवन में नकारात्मक ऊर्जा आने लगती है. साथ ही मनुष्य की बुद्धि खराब होने लगती है.

 

– आषाढ़ पूर्णिमा के दिन घर के बड़े बुजुर्गों का अपमान नहीं करना चाहिए. साथ ही किसी महिला के साथ गलत व्यवहार भी नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से पितृ दोष लगता है, जिससे जीवन में तमाम तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

– आषाढ़ पूर्णिमा के दिन देर तक नहीं सोना चाहिए. ऐसा करने से जीवन में दुर्भाग्य आता है. साथ ही इस दिन घर को गंदा नहीं रखना चाहिए, इससे घर में नकारात्मकता आती है और धन की देवी मां लक्ष्मी का आगमन नहीं होता है.

 

– आषाढ़ पूर्णिमा के दिन घर में किसी तरह का कलह या लड़ाई झगड़ा नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से घर की सुख-शांति भंग हो जाती है. साथ ही माता लक्ष्मी भी नाराज हो जाती हैं, जिसका असर आर्थिक स्थिति पर पड़ता है.