ट्रंप की BRICS देशों को चेतावनी– US विरोध पर लगेगा 10% अतिरिक्त टैरिफ
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दुनिया को एक नई चेतावनी दी है. उन्होंने साफ मैसेज दिया है कि जो देश अमेरिका के विरोध में ब्रिक्स देशों की नीति का समर्थन करेंगे उनके खिलाफ अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाएगा. ट्रंप ने ऐलान किया है कि ऐसे देशों के खिलाफ 10 प्रतिशत का अतिरिक्त टैरिफ लगाएंगे. दरअसल, इस समय ब्राजील में ब्रिक्स समिट का आयोजन किया जा रहा है. ब्रिक्स की स्थापना ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका ने मिलकर की थी, लेकिन साल 2023 में इसमें इंडोनेशिया, ईरान, मिस्र, इथियोपिया, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देश जुड़ गए.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, ‘कोई भी देश जो ब्रिक्स की अमेरिका विरोधी नीतियों से जुड़ता है, उस पर 10 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाएगा. इस नीति में कोई अपवाद नहीं होगा. इस मामले पर आपका ध्यान देने के लिए धन्यवाद.’
ट्रंप बोले, 12 देशों के लिए टैरिफ लगाने को तैयार
ब्रिक्स समिट के संयुक्त घोषणापत्र में अमेरिका का नाम लिए बिना अंधाधुंध टैरिफ बढ़ोतरी की आलोचना की गई और कहा गया कि इस तरह के उपायों से ग्लोबल ट्रेड को नुकसान पहुंचने और ग्लोबल सप्लाई चेन में बाधा खड़ी होने का खतरा है.
टैरिफ रोकने की समयसीमा के करीब आते ही ट्रंप ने कहा है कि उनके पास 12 देशों के लिए टैरिफ पत्र तैयार हैं. ट्रंप ने कहा है कि पत्र सोमवार को दोपहर 12 बजे जारी किए जाएंगे. दरअसल, 2 अप्रैल को ट्रंप ने अमेरिका के सभी ट्रे़डिंग पार्टनर देशों के लिए संशोधित और बढ़ी हुई टैरिफ दरों की घोषणा की थी. वैश्विक प्रतिक्रिया के बाद उन्होंने 90-दिन के लिए इसे रोक दिया था. ये रोक 9 जुलाई को खत्म हो रही है, उससे पहले ही ट्रंप फिर से ट्रैरिफ लगाने की बात कह रहे हैं.
पीएम मोदी ने ब्रिक्स में क्या कहा?
वहीं, पीएम मोदी ने ब्रिक्स सम्मेलन में ग्लोबल साउथ में हमलों के मामले में आतंकवाद के प्रति दोहरे मापदंड पर अपनी राय रखी है. साथ ही साथ ब्रिक्स के संयुक्त घोषणा पत्र में पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की गई. इस हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी और कई लोग घायल हुए थे. पीएम मोदी ने ब्रिक्स के मंच से आतंकवाद का समर्थन करने के लिए पाकिस्तान को जमकर लताड़ लगाई. पीएम ने वैश्विक नेताओं से आतंक के खिलाफ एकजुट होने की अपील की.
पीएम मोदी ने ब्रिक्स समिट में कहा कि भारत ने हमेशा मानवता के लिए काम किया. वैश्विक संस्थाओं में बड़े बदलाव की जरूरत है. ग्लोबल साउथ को केवल प्रतीकात्मक सहयोग मिला. वैश्विक संस्थानों में व्यापक सुधार करने होंगे. आतंकवाद मानवता के लिए सबसे गंभीर चुनौती है और आतंकवाद पीड़ितों और समर्थकों को एक ही तराजू में नहीं तौलना चाहिए.