वन-टू-वन बैठकें: उद्योगपतियों से सीधा संवाद और निवेश प्रस्ताव

लुधियाना। इस अवसर पर आप सब सत श्री अकाल, मैं महाकाल की नगरी से आता हूं जय महाकाल आज बदलते दौर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जिस प्रकार से हमारे देश की गति, प्रगति और उन्नति हो रही है। हमें गर्व है मैं ऐसी धरती पर हूं जिस धरती की एक अलग ही पहचान है। यह वीरों और महावीरो की धरती है और दुश्मनों के दांत खट्टे करने वालों की, पंजाब की धरती है। हमारे गुरु परंपरा की अद्भुत धरती जो अपने मन के भाव से परस्पर आत्मीयता भी जोड़ती है। "खुश हो जाए तो प्राण दे दे और दुश्मनी हो जाए तो जमीन में गाड़ दें।" इस मामले में परमात्मा की दया है। जिस भाव को लेकर पंजाब ने अपनी पहचान बनाई। मैं आज के इस अवसर पर लुधियाना की उस धरती पर आज अपनी कोई बात करने के लिए खड़ा हूं जो मध्य प्रदेश के साथ, जैसे हमारे नगरों की इंदौर की स्वच्छता की पहचान होगी लेकिन उद्योगों की राजधानी मध्य प्रदेश के समान अगर यह पंजाब की बात करें तो ये पंजाब का लुधियाना शहर उद्योगों की राजधानी की तरह है। यह भारत के मैनचेस्टर की तरह है।
मैं अपनी ओर से यहां के सभी उद्यमशील पुरुषार्थी लोगों को बधाई देना चाहता हूं, आपका अभिनंदन करता हूं, नमस्कार करता हूं
जब मैं आपसे बात कर रहा हूं तो मैं लुधियाना का इतिहास देख रहा था। लुधियाना का इतिहास वैसे तो सिंधु घाटी सभ्यता से पहले प्रारंभ हो गया बाद के काल में भी हर समय 2000 साल पहले, 500 साल पहले, लोदी वंश में, अलग-अलग समय में यहां के उद्यमशील लोगों ने अपने वस्त्र से लघु उद्योग से, अपने इस पूरे देश को ईरान और आगे तक कई सारी जगह तक अपनी व्यापार-व्यवसाय से पहचान बनाई। और अभी आजादी के बाद और साथ में तो 40 से 47 तक का दशक कहां छोटी-छोटी साइकिलो के इतने जबरदस्त रूप से काम करने वाले लोग मिले, ए-1 साइकिल, हीरो साइकिल। कोई एक बात नहीं सभी क्षेत्रों में मै मानकर चलता हूं, मध्य प्रदेश और खासकर पंजाब के संदर्भ में कहूं तो "यह दोनों सगे बिछड़े हुए भाई हैं।" इनको मैं इस नाते से भी बधाई देता हूं। क्योंकि एक तरफ पंजाब का गेहूं, एक तरफ मध्य प्रदेश का गेहूं दोनों किसी से कम नहीं है। पंजाब बड़ा भाई है तो मध्य प्रदेश छोटा भाई है। हमको मिलकर काम करने की आदत है।
आज बदलते दौर में जिस प्रकार से समय बदला है, यह बात तो सही है कि जैसे राजनीतिक दलों को छूट है, कोई कहीं भी आकर काम करें अपनी पहचान बनाए, हमारे लिए भी तो छूट है कि हम आपको आमंत्रित करें और आप भी अपना व्यापार-व्यवसाय बढ़ाएं, यहां भी काम करें और मध्य प्रदेश में भी काम करें; सरकार आपकी सभी मदद करने के लिए तैयार है, किसी प्रकार से कोई कमी आने वाली नहीं है।जब मैं दिल खोल कर बात कर रहा हूं तो आपका भी दिल खोलकर संदेश आना चाहिए। सरकार की व्यवस्थाओं के बलबूते पर मैं पॉलिसी पर बात नहीं करूंगा।पॉलिसीयों पर बात हमारे सारे अधिकारियों ने कर ली है कि हम किस-किस प्रकार से कैसे कैसे मदद करेंगे। उसी प्रकार से जो ऑलरेडी मध्य प्रदेश में काम कर रहे हैं वो यहां भी काम कर रहे हैं ऐसे स्वनाम धन्य हमारे परिवार से जुड़े हुए सभी उद्योगपति भी मंच पर बैठे हैं। जैसे हम आपसे बैठकर बात कर रहे हैं तो यह बात सही है की बदलते दौर में जब हम भारत को सिरमौर बनाना चाहते हैं। आज का दौर तो और कैसा आदर्श है देखो, बड़े-बड़े राष्ट्रों के राष्ट्र अध्यक्ष, छोटे-छोटे मामलों में रोज व्यापार की बात करते हैं। कैसी बात करते हैं आपको मालूम है एक तरफ युद्ध की बात चलती है और हाथों-हाथ डील की बात भी चलती है। ये नए दौर का समय आया है। कभी आपने सुना था कि ऐसा कुछ होने वाला है, लेकिन यह समय वास्तव में सजगता और तत्परता का भी है और इसी प्रकार से त्वरित गति से निर्णय लेने का भी है। समय के साथ बदलते दौर में हमको कदम से कदम मिलाकर चलना है। वैसे तो मैं उद्योगपतियों को ऐसा भी मान कर चलता हूं कि उद्योगपति केवल अपने लिए इंडस्ट्री नहीं चलाते आपके माध्यम से कई सारे लोगों का पेट पलता है और गरीबों की जिंदगी में उजाला आता है इसलिए मैं आपको बधाई देता हूं। ये बहुत बड़ा पवित्र काम आपके माध्यम से होता है।यह एक तरह से हमारे उस पवित्रता के भाव को रेखांकित करता है जिसके कारण से हमको लगता है कि ईश्वर ने हमको अगर जन्म दिया है तो हमारे अपने जीवन में जीवन-यापन के माध्यम से हम अपने परिवार का पालन पोषण तो करते ही हैं लेकिन अपने पालन पोषण के साथ-साथ हमारे देश की आर्थिक समृद्धि भी आए और परमात्मा ने हमको यश दिया है तो हम अपने यश को भी हासिल करें और बदलते दौर में समय के साथ बदलते जाए।आप मित्रों, एक बात जरूर देखना। अभी हमारे यहां ज्यादा पुरानी बात नहीं है केवल 300 साल के अंदर की बात है। व्यापार करते-करते इस देश ने गुलामी की जंजीरें कब पहन ली हमको मालूम ही नहीं पड़ा। ये वो धरती है जहां भगत सिंह खड़े हो गए। जिन्होंने अपने आप से इस देश को न केवल लोकतंत्र दिया बल्कि आजादी के साथ-साथ अपनी बलिदान से एहसास कराया कि इस देश के लोगों को अगर कोई गुलाम रख सकता है तो गुलामी की मानसिकता के लिए उन्होंने अपनी शहादत इतनी छोटी उम्र में दी। यह भी मानते हुए अगर वह चाहते तो अपने आप को अलग प्रकार से बचा सकते थे लेकिन उन्होंने अपने मित्र चंद्रशेखर आजाद सहित सभी क्रांतिकारियों से कहा, आज का समय बलिदान मांग रहा और बलिदान मांग कर उन्होंने यह एहसास कराया कि भारत आजादी मांग रहा है। मुझे बलिदान देना पड़ेगा। मैं नमन करता हूं भगत सिंह के उस वीर बलिदान को जिसके कारण से पूरा देश धन्य हुआ है, हमारी आजादी सोभान्वित हुई। मैं मानकर चलता हूं कि आज के इस अवसर पर जब आपसे बात कर रहा हूं तो आज के बदलते दौर में मध्य प्रदेश से आपको बुलावा आया है, मध्य प्रदेश आपको आमंत्रित कर रहा है।
एक घर मध्य प्रदेश में भी बनाना और एक घर यहां भी रखना। एक फैक्ट्री वहां भी लगाना है और एक काम यहां भी रखना है
जब मैं आपको देख रहा हूं तो मुझे लगता है भविष्य की दृष्टि से हमारे अपने अतीत के काल के आधार पर, पंजाब के अंदर एक मालवा भी है, है कोई मालवा?जब सम्राट विक्रमादित्य ने उस समय के अपने उस दौर में जब शकों का साम्राज्य आ गया तो शक हमारे देश के नहीं थे; वह दुनिया के पता नहीं किस हिस्से से आए थे रोम के आगे से। ऐसे में उन्होंने पूरे देश को गुलाम बना लिया था और गुलाब बनाने के बाद इस देश में जैसे अपने यहां पिछले समय के या दुनिया के कई देशों की हालत हम देख रहे हैं। ऐसे समय में विक्रमादित्य ने अपनी तलवार के बलबूते पर न केवल देश को आजाद कराया बल्कि पंजाब के मालवा और मध्य प्रदेश के मालवा को मिलाकर पूरे देश में एक अलग प्रकार का आनंद उत्साह का वातावरण दिया था। वह हजारों साल का हमारा इतिहास, जिसके आधार पर हम और आप जुड़े हुए हैं।माल वाले के पास मालवा होता है और किसके पास मालवा होता है। मालवा का मतलब क्या है..? मालवा नाम थोड़ी है.. और माल वाले कहां है, या तो पंजाब में या मध्य प्रदेश में। आज के इस बदलते दौर में हम सब एक दूसरे को देख रहे हैं। ऐसे समय में जब मध्य प्रदेश के अंदर बात कर रहा हूं तो आप से निवेदन करना चाहता हूं, आप यहां भी अपना व्यापार व्यवसाय रखें। यहां पर भी काम धंधा करें लेकिन काम धंधा बढ़ना भी तो चाहिए। यह जो अपने हाथ का यश है यह निरंतर फलता-फूलता रहना चाहिए इसलिए बड़ी संभावना है मध्य प्रदेश में। मध्य प्रदेश के अंदर की संभावनाओं को लेकर के जैसा मैंने कहा कि हमारी सरकार ने एक संकल्प लिया है। संकल्प में यह गुंजाइश दी है कि अगर आप रोजगार परक इंडस्ट्री लगाते हो तो रेडीमेड गारमेंट्स इंडस्ट्री डालते हो तो फैक्ट्री आपकी है लेबर आपके यहां काम करेंगे प्रॉफिट आप कमाओगे लेकिन ₹5000 प्रति लेबर का भुगतान हम करेंगे ताकि हमारे अपने लोगों को रोजगार मिले। रोजगार परक इंडस्ट्री की अपनी कठिनाइयां भी होती है इसलिए उनकी मदद करना। जमीन अपनी, ब्याज, बिजली और बाकी चीजों में मदद करेंगे लेकिन मजदूरों के लिए भी मदद करेंगे इसलिए हम देशभर में इस बुलावे के लिए निकले।अभी तो हम कोयंबटूर से आए थे कोयंटूर से बड़ी मात्रा में रेडीमेड गारमेंट्स की इंडस्ट्री हमारे यहां भी काम कर रही है। जब मैं लुधियाना में देखता हूं तो सर्दी आने वाली है। लुधियाना के अलावा कहीं गर्मी नहीं आती तो बड़े पैमाने पर हमारे लिए संभावना की जगह है। मुझे मालूम है बड़े-बड़े नाम हम भी जब घर में स्वेटर पहनते थे तो उसमें ओसवाल के उन लाते थे दूसरा तो हमको मुश्किल ही जाता था।
एक से बढ़कर एक ग्रुप, ट्रिडेंट दुनिया में सबसे ज्यादा टॉवेल के लिए आपकी अपनी सेवा पंजाब के माध्यम से चलती है
मैं आपको केवल दो-तीन जानकारी देना चाहूंगा हमारी सरकार ने जनहितैसी योजनाएं खास करके जिस जिस क्षेत्र में हमारी कमजोरी थी उन कमजोरी में हम आगे बढ़कर के अपनी सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना के बलबूते पर कई सारी योजनाएं चालू की। जैसे, स्कूल जाने वाला बच्चा अगर छठी या नौवीं के बाद वह स्कूल जाता है और 4 किलोमीटर से ज्यादा दूर उसका घर है तो हमने कहा है कि बच्चा पैदल नहीं जाएगा। साइकिल हमारी सरकार की तरफ से दिलवाई जाएगी। लाखों साइकिल हम हर साल देते हैं। इसके माध्यम से हम आपकी संभावनाएं खोल रहे हैं क्योंकि साइकिल हम दे रहे हैं तो साइकिल हम तो नहीं बना सकते तो पंजाब की साइकिल मध्य प्रदेश में भी बन सकती है। इसमें कोई परेशानी नहीं है। ऐसी अपने बीच में बहुत सारी संभावनागत इंडस्ट्री है। मैं मानकर चलता हूं आज जिस प्रकार का समय बदला है इसलिए GIS में यशस्वी प्रधानमंत्री भोपाल आए थे। GIS में हमने जिस प्रकार का प्रयास किया उसी सिलसिले में हम यहां आए हैं। जब से हमारी सरकार बनी हमने पूरे देश के अंदर भी और अपने प्रदेश में भी और दुनिया में भी हमारे मध्य प्रदेश की नीतियों को लेकर के खुलेआम सबके बीच बात करते हुए अधिकारियों को भी लेकर जाते हैं लेकिन अधिकारी के साथ-साथ वैसे मेरा डबल रोल भी है। मैं अपने मध्य प्रदेश का उद्योग मंत्रालय का काम भी मेरे पास रखा है और मुख्यमंत्री भी मैं ही हूं दोनों ही काम मेरे पास है। यह आप सबसे सरलता से बात करने के लिए ही है। जब उद्योगपति से हम बात करते हैं तो उद्योगपति थोड़े बहुत ऐसा तो है नहीं की वो केवल अपना उद्योग चलाते तो वह अपनी बुद्धि भी चलाते हैं उनकी बुद्धि चलाने में उनकी मदद करने के लिए; वह समझ जाते हैं कि बात किससे करना चाहिए और कैसी करना चाहिए कोई भी व्यापार व्यवसाय करने के लिए निश्चित रूप से यह योग्यता भी चाहिए।
हमारी हजारों साल पुरानी परंपरा जिसके बलबूते पर भारत सोने की चिड़िया के नाते से पहचाना जाता है लेकिन आज के इस बदलते समय में आने वाले समय में यशस्वी प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में आप देखो केवल उदाहरण, मैं राजनीतिक बात ना करूं थोड़ी सी तुलना जरूर कर रहा हूं। 1947 में देश आजाद हुआ और आजादी के समय देश की आर्थिक व्यवस्था विश्व के बाकी सारे देशों की तुलना में 15 वे नंबर पर थी लेकिन दुर्भाग्य के साथ कहना पड़ रहा है वही इसराइल भी तो हमारे 1 साल बाद आजाद हुआ था आज इजराइल कहां से कहां चला गया। हीरोशिमा और नागासाकी की घटना के बाद जापान की हालत क्या थी लेकिन जापान आज उठकर कहां खड़ा हो गया अभी हमारी आर्थिक व्यवस्था में एक या दो-चार महीने बाद उसको क्रॉस करेंगे लेकिन क्रॉस करने में कितने साल लग गए वो दोबारा उस दौर में पहुंच गया। हमारे गुरु परंपरा के आधार पर यह वीरों और महावीरो की धरती है तो आज बदलते दौर में 2014 में हमारे देश की 11 नंबर की आर्थिक व्यवस्था में नंबर था लेकिन आज बदलते दौर में यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में दुनिया की चौथी अर्थव्यवस्था से हम तीसरी की तरफ जा रहे हैं। इसके लिए जोरदार अभिनंदन श्रीमान नरेंद्र मोदी जी के लिए 11 साल से भी कम समय में इस देश का पूरा आर्थिक तंत्र बदला है, व्यापार-व्यवसाय की संभावना बदली है और देश के नेता कैसे होना चाहिए जो आंख में आंख डालकर हमारे लिए रूस का भी वही महत्व है जो अमेरिका का है। हमारे लिए चीन के लिए अपने देश का नेतृत्व देश के नागरिकों के लिए देश के भविष्य की योजनाओ के लिए जिस प्रकार से काम कर रहा है इससे बढ़कर कोई समय नहीं है। आइए, हम सब आगे बढ़ें क्योंकि आप आपके लिए नहीं कर रहे हैं आपके साथ बहुत सारी जिंदगी के लिए काम कर रहे हैं। इस देश की उन्नति के लिए काम कर रहे हैं। मध्यप्रदेश के साथ पंजाब की उन्नति के लिए मैं केवल निमंत्रण देने आया हूं। उम्मीद करता हूं कि आज का यह सत्र हमारे उसी भाव की तरह रहेगा। इसी प्रकार की इंडस्ट्री कॉन्क्लेव करते हुए और राज्य के बाहर रोड शो करते हुए हम अपनी बात सबके सामने रखते जा रहे हैं उसका परिणाम निकला कि बीते फरवरी में हमने लगभग 30 लाख करोड़ के निवेश के प्रस्ताव पूरे देश से आमंत्रित किया हु। मध्य प्रदेश में इतना बड़ा इन्वेस्टमेंट पहली बार हुआ। इसी प्रकार से सिंगरौली, सतना, रीवा माइनिंग के क्षेत्र में जितनी संभावना मध्यप्रदेश में है । मध्य प्रदेश देश का एक मात्र राज्य है जिसकी जमीन में हीरा भी मिलता है और सोने की खदान भी मध्य प्रदेश में है।
मैं आपको आमंत्रित करने आया हूं कि आप सब आइए
निवेश के सभी सेक्टर में, कोई सेक्टर ऐसा बाकी नहीं है जहां बड़ी संभावनाए ना हो। मैं मान कर चलता हूं कि जब आप निवेशको से बात करते हो तो आपको भी इस बात की ध्यान आ ही रही है। जिस प्रकार से आज मुझे रिस्पांस मिला है सच मानो इतनी जगह गया लेकिन लुधियाना में जो प्यार मिला है वह वाकई में मुझे अभिभूत कर दिया। मैं आपको धन्यवाद करता हूं।